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पीएम गतिशक्ति के तीन वर्ष, अवधारणा को अब जिला स्तर पर ले जाने की तैयारी

नयी दिल्ली, सड़क, रेल और बंदरगाह जैसी यातायात एवं परिवहन क्षेत्र की बड़ी मल्टी-मोडल परियोजनाओं के नियोजन एवं क्रियान्वय के लिये लागू पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय वृहद योजना (गति शक्ति एनएमपी) की अवधारणा को अब जिला स्तर पर ले जाने के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल और श्रीलंका को भी इस अवधारणा का लाभ पहुंचाने की तैयारी है।

सरकार निजी क्षेत्र को भी अपनी योजनाओं के निर्धारण में पीएम गतिशक्ति के विभिन्न एप्लिकेशन का, “ एक सीमा तक उपयोग की छू ” देने पर विचार कर रही है।

पीएम गतिशक्ति के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यहां एक संवाददाता सम्मेलन में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने एक संवादाता सम्मेलन में कहा,

“ गति शक्ति एनएमपी के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप के माध्यम से अब तक 15.39 लाख करोड़ की 208 परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है, और सरकारी विभागों के बीच समन्वय को ईष्टतम स्तर पर पहुंचाने के लिये 156 कमियों की पहचान की गयी है। ”

पीएम गतिशक्ति के तहत फिलहाल 500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनायें ही ली जाती हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 13 अक्टूबर 2021 को मल्टी मोडल यातायात एवं परिवहन की परियोजनाओं के विकास में तेजी के लिये पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय वृह योजना को लागू किये जाने की घोषणा की थी। पीएम गतिशक्ति ने 44 केंद्रीय मंत्रालयों और 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 1600 से अधिक डेटा परतों के साथ इस प्लेटफार्म पर जोड़ा है, जिससे यह बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिये एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है।

श्री भाटिया ने कहा कि केंद्र और राज्य के स्तर पर सम्बद्ध सरकारी विभागों के बीच समन्वय और भौगोलिक, आर्थिक एवं सामाजिक आंकड़ों की परत- दर -परत सूचनाओं के आधार पर मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी परियोजनाओं के क्रियान्वयन की पीएम गतिशक्ति अवधारणा पूरे परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है।

उन्होंने बताया कि पीएम गति शक्ति का उपयोग जिला स्तर पर योजना बनाने के लिये भी किया जायेगा और इसके लिये हर राज्य में पायलट परियोजायें शुरू की जा रही है। इसके लिये केंद्र सरकार प्रासंगिक भूमि रिकॉर्ड डेटा प्राप्त करने के लिये राज्यों के साथ काम कर रही है। उन्होंने बताया कि जिला-स्तरीय पायलट परियोजना के साथ, सरकार का लक्ष्य इसी वर्ष के अंत से पहले मास्टर प्लान पेश करना है। पीएम गतिशक्ति प्रणाली को जिला स्तर पर अनिवार्य करने का भी विचार है।

श्री भाटिया ने बताया कि नेपाल और श्रीलंका को गति शक्ति एनएमपी का उपयोग करके बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वित करने में मदद देने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) किये गये हैं।

नेपाल कुछ चुनिंदा जगहों की परियोजना के लिये इसका उपयोग करेगा जबकि श्रीलंका ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर अपने की इच्छा जतायी है। श्री भटिया ने कहा कि भारत के इन मित्र पड़ोसी देशों के साथ करार राजस्व सृजन के विचार से नहीं किया गया है। उन्होंने

संकेत दिया कि भारत आगे इस अवधारणा के लाभ की पेशकश विश्वस्तर पर अन्य देशों को भी कर सकता है और इसके लिए अगल अलग टूल (औजार) बनाये जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जिला और नगरपालिका स्तर पर पीएम गतिशक्ति एनएमपी की अवधारणा लागू होने इसमें छोटी परियोजनायें भी आ जाएगी तथा विकास की गति को गति मिलेगी। उन्होंने कहा, “ पीएम गतिशक्ति को जिला स्तर पर ले जाने के लिये हम कुछ पायलट परियोजनाओं को शुरू कर रहे हैं। हर राज्य में एक दो जिले या नगर पंचायतों में पायलट परियोजनाए एक दो माह में लागू की जा सकती हैं। इससे सोच में बदलाव आयेगा और राज्य खुद इसके लिये आगे आयेंगे।’

उन्होंने कहा कि जिला और नगर पंचायत स्तर पर पीएम गतिशक्ति वृहद योजना की आवधारणा को लागू करने के लिये ‘क्षमता बढ़ाने और अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की जरूरत है। इसके लिये राज्यों के संस्थानों में प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा सकती है।

निजी क्षेत्र को पीएम गतिशक्ति मंच के उपयोग की सुविधा देने के बारे में डीपीआईआईटी सचिव ने कहा, ‘पीएम गतिशक्ति एनएमपी पर कुछ संवेदनशील सूचनायें भी होती है। इस सब का विचार कर के यह तय किया जायेगा कि निजी क्षेत्र को योजना बनाने में पीएम गतिशक्ति के एप्लिकेशन के इस्तेमाल की सुविधा दी जा सकती है।”

पीएम गतिशक्ति के अंतर्गत योजनाओं की पहचान के लिये केंद्रीय कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति काम करती है। उन परियोजनाओं को नेटवर्क प्लैनिंग ग्रुप (एनपीजी) में आंकड़ों के आधार पर संबंधित केंद्र से लेकर राज्य स्तर पर सभी विभागों के साथ समन्यव कर के नियोजित किया जाता है।

सामाजिक क्षेत्र मंत्रालयों तक पीएम गतिशक्ति का विस्तार करते हुये, सामाजिक विकास के लिए पीएम गतिशक्ति के उपयोग को बढ़ाने, सामाजिक अंतराल (स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी) की पहचान करने, और डेटा कैप्चर करने के लिये एप्लिकेशन और नियोजन उपकरण विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

विभाग का कहना है कि पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 533 से अधिक परियोजनाओं को मैप किया गया है।

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) के साथ संरेखित, पीएम गतिशक्ति महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और भारत के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायक रही है।

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