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द हंस फाउंडेशन ने दिव्यांग व्यक्तियों को वितरित किए सहायक उपकरण 

चाका खंड, आज, द हंस फाउंडेशन ने स्थानीय अधिकारियों और महत्वपूर्ण अतिथियों के समर्थन में चाका खंड विकास परिषद में रूपांतरण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सहायक उपकरण वितरित किए गए, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार हो सके।

प्रयागराज स्तर से 1176 दिव्यांगजन लाभार्थियों को चिन्हित किया गया है,जहाँ पर ऐसे वितरण कार्यक्रम होते रहेंगे । जहाँ जहाँ हंस फाउंडेशन की एमएमयू चल रही है उन ज़िलों में भी ऐसे कार्यक्रम होंगे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दिव्यांग नोडल अधिकारी डॉ. एस.के. सिंह उपस्थित थे। उनके साथ बी.डी.ओ. निशा सागर विश्वकर्मा और ए.डी.ओ. समाज कल्याण सीमा पाल भी मौजूद थीं। कार्यक्रम में प्रबंधक श्वेता रावत जी और सह-संस्थापक मनोज भार्गव जी ने अमूल्य सहयोग दिया।

द हंस फाउंडेशन द्वारा संचालित यह पहल चाका खंड के समुदाय के भीतर समावेशित और सशक्तिकरण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह हाशिए पर पड़े समूहों का समर्थन करने और सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिए फाउंडेशन के निरंतर प्रयासों को रेखांकित करता है। दिव्यांग नोडल अधिकारी डॉ. एस.के. सिंह ने कहा, “हम स्थानीय अधिकारियों और हमारे सम्मानित अतिथियों के समर्थन और सहयोग के लिए आभारी हैं, जिनकी उपस्थिति और योगदान ने इस कार्यक्रम को संभव बनाया है।” इस कार्यक्रम में मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) और हंस सखी पहल द्वारा प्रदान की गई अमूल्य सहायता को भी स्वीकार किया गया, जिसे सर्वेक्षण और सामुदायिक सहभागिता प्रयासों के माध्यम से चाका ब्लॉक द्वारा समर्थित किया गया। प्रयागराज से जिला परियोजना टीम के प्रमुख सदस्यों में क्षेत्रीय वरिष्ठ प्रबंधक शोभित शर्मा, परियोजना प्रबंधक अजय कुमार, सामुदायिक कल्याण कार्यक्रम से स्वास्थ्य और पोषण विशेषज्ञ डॉ. स्वास्तिका शुक्ला, वरिष्ठ परियोजना समन्वयक अभय प्रकाश, परियोजना समन्वयक दीक्षा सिंह, अमित द्विवेदी और धनंजय प्रताप सिंह के साथ-साथ गोदाम प्रभारी सुरेंद्र कुमार मिश्रा शामिल थे। इस पहल की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली चाका ब्लॉक की एमएमयू टीम में चिकित्सा अधिकारी डॉ. ऋचा पांडेय, एएनएम सुनीता गुप्ता, प्रयोगशाला तकनीशियन नरेंद्र कुमार, फार्मासिस्ट ऋषभ तिवारी और पायलट राम चंद्र शामिल थे।

द हंस फाउंडेशन (‘टीएचएफ’) की स्थापना 2009 में एक पंजीकृत सार्वजनिक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में हुई। इस संगठन का मुख्य कार्यक्षेत्र शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और दिव्यांगता पर है। इस साल, टीएचएफ अपनी 15वीं वर्षगांठ मना रहा है, और 15 वर्षों के प्रभावशाली पहलों का समीक्षा कर रहा है। द हंस फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश के 11 जनपदों में 84 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स का संचालन शुरू किया है, जो जनमानस की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समर्पित है। ये यूनिट्स प्रधानतः उत्तर प्रदेश के प्रमुख जनपदों में स्थित हैं जैसे प्रयागराज, वाराणसी, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर के गाँवों को अपनी सेवाओं से आश्रित करेंगे।

प्रत्येक मोबाइल मेडिकल यूनिट में एमबीबीएस डाक्टर, फार्मासिस्ट, एएनएम, लैब तकनीशियन और पायलट शामिल होते हैं, जो दिनमें दो गाँवों में स्वास्थ्य जांच और प्राथमिक उपचार प्रदान करते हैं। द हंस फाउंडेशन ग्राम पंचायत से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कार्यक्रमों को संचालित करती है, और इन कार्यक्रमों का मुख्य लक्ष्य देश के सबसे ग्रामीण और अल्पसंख्यक क्षेत्रों में वंचित समुदायों के जीवन में सुधार लाना है।
द हंस फाउंडेशन के उप कार्यक्रम प्रबंधक रजनीश पाल और सचिन के नेतृत्व में यह दिव्यांगजनों के वितरण कार्यक्रम उप कार्यक्रम प्रबंधक रीतेश कुमार द्वारा प्रेरित और निर्देशित था। इसका उद्देश्य विचारशील नेतृत्व और सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से दिव्यांगजनों के लिए पहुँच और सहायता को बढ़ाना है।

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