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भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की छाप छोड़ेगा महाकुम्भ: CM योगी

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि अगले साल जनवरी में शुरु होने वाला महाकुंभ 2025 दुनिया में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की छाप छोड़ेगा।

मुख्यमंत्री योगी ने प्रयागराज दौरे पर महाकुम्भ की तैयारियों को गति देते हुए मेला क्षेत्र में सुरक्षा, स्वच्छता मित्रों व गंगा सेवादूतों के लिए 237.38 करोड़ के उपकरण व विकास परियोजनाओं का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होने कहा “ ये हमारा सौभाग्य है कि प्रयागराज के दुनिया के इस सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के साथ हम सबको जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। वेणी माधव भगवान ने, मां गंगा ने, हम सबको ये अवसर दिया है कि हम सभी लोग मिलकर इस भव्य और दिव्य आयोजन में सहभागी बनकर देश और दुनिया से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को प्रयागराज की महत्ता के बारे में बताएं। इस पौराणिक और दुनिया के सबसे बडे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम के माध्यम से प्रयागराज, उत्तर प्रदेश और भारत की इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की छाप दुनिया के मंचों पर देगा।”

उन्होंने कहा “ इस आयोजन की तैयारी तेजी से आगे बढ़ रही है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होने जा रहे इस आयोजन के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद आप सभी का अभिनंदन करने फिर यहां आएंगे। ”मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दिव्य, भव्य और डिजिटल कुम्भ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रयागराज महाकुम्भ आयोजन की नींव स्वच्छताकर्मी, सफाईकर्मी, नाविक और इस पूरे अभियान से जुड़े हुए जितने भी कार्मिक हैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। प्रयागराज का कुम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में पूरे देश और दुनिया में प्रयागराज को एक वैश्विक छवि के रूप में स्थापित करने में सफल रहा है। एक भव्य, दिव्य कुम्भ के साथ ही कुम्भ भी स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्था का एक प्रतिबिंब बन सकता है, कुम्भ के माध्यम से आने वाला हर व्यक्ति एक सुकून महसूस करके असीम आध्यात्मिक शांति की अनुभूति करता हो, यह दृश्य 2019 के प्रयागराज कुम्भ में देखने को मिला था। प्रयागराज कुम्भ के उस कार्यक्रम में स्वच्छ कुम्भ की परिकल्पना को साकार करने वाले स्वच्छता कर्मियों को प्रधानमंत्री ने उनके पैर धोकर उस समय संदेश दिया था कि स्वच्छ कुम्भ की नींव और उसकी आधारशिला कोई है तो वो सफाई कर्मचारी हैं, उनका सम्मान और अभिनंदन होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रातः काल से ही प्रयागराज के अंदर अलग-अलग स्थानों पर जो कार्यक्रम होने जा रहे हैं उसकी तैयारी में सभी जुटे हुए हैं। 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच में जो 6 प्रमुख स्नान होने हैं, उनमें 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 14 जनवरी को मकरसंक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या, 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान होंगे। उन्होंने कहा कि इस बार कुम्भ का क्षेत्र बढ़ाया गया है। पहले 1800 हेक्टेयर का क्षेत्र हुआ करता था, जो बढ़कर 2000 हुआ, फिर 2500 और कुम्भ में यह 3200 हेक्टेयर तक पहुंच गया। इस बार यह 4000 हेक्टेयर के विस्तृत भूभाग में आयोजित किया जाएगा। 25 सेक्टर बनाए गए हैं। इसके अलावा 1850 हेक्टेयर की पार्किंग भी संगम तट से एक निश्चित स्थान पर प्रदान की जा रही है। 14 फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए जा रहे हैं। 9 पक्के घाट बनाए जा रहे हैं, 7 रिवर फ्रंट रोड, 12 किमी. का अस्थायी घाट, 550 शटल बसें, 7000 रोडवेज बसें, 7 बस स्टैंड बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही यहां जितने भी नाले-सीवर थे, सभी को टैप करते हुए बायोरेमिडिसन के माध्यम से गंगा में कोई भी गंदगी नहीं गिरने देंगे, इस संकल्प के साथ कार्यक्रम आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही, यहां पर स्ट्रीट आर्ट और वॉल म्यूरल के भी कार्यक्रम 18 लाख वर्ग फीट पर चल रहा है। शहर के चार सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के उच्चीकरण का कार्य भी चल रहा है।

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