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यूपी में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बना रक्षा विनिर्माण का प्रमुख गढ़

लखनऊ,  देश की रक्षा विनिर्माण क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से स्थापित उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) छह प्रमुख केंद्रों के साथ देश में रक्षा विनिर्माण का प्रमुख केंद्र बन चुका है।

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा स्थापित यूपीडीआईसी कानपुर, झांसी, लखनऊ, अलीगढ़, आगरा और चित्रकूट जैसे छह प्रमुख केंद्रों के साथ अब देश में रक्षा विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। इनमें से, अलीगढ़ ने रक्षा विनिर्माण में विशेष रूप से उल्लेखनीय प्रगति की है। इस नोड ने तीन हजार421.40 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आकर्षित किए हैं और कई कंपनियों ने यहां उत्पादन शुरू कर दिया है। कुल 86.87 हेक्टेयर अधिग्रहित भूमि में से 64.01 हेक्टेयर भूमि उद्योगों को आवंटित की जा चुकी है, जो इस क्षेत्र की क्षमता को दर्शाता है। अलीगढ़ अब स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने में एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

अलीगढ़ नोड में कई प्रमुख रक्षा विनिर्माण कंपनियों ने निवेश किया है जिनमें एंकर रिसर्च लैब्स ने 550 करोड़ रुपये के निवेश से ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सेंसर, रेडियो डायरेक्शन फाइंडर और एक परीक्षण परिसर निर्माण के लिये भूमि आवंटन प्राप्त कर लिया है।

एमीटेक इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड एक अग्रणी रक्षा निर्माता है जो इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू), सिग्नल इंटेलिजेंस (एसआईजीआईएनटी), रडार सिस्टम, टैक्टिकल कम्युनिकेशन और अन्य महत्वपूर्ण डोमेन में व्यापक समाधान प्रदान करता है। कंपनी ने 330 करोड़ रुपये के निवेश से सैटेलाइट स्पेसपोर्ट निर्माण इकाई के साथ-साथ एक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम डिज़ाइन, विकास और विनिर्माण इकाई स्थापित की है। इस इकाई में उत्पादन शुरू हो चुका है।

ओशो कॉर्प ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने एडवांस्ड टेक सॉल्यूशन यूनिट स्थापित करने के लिए 250 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है, जबकि प्रशांत एंटरप्राइजेज मध्यम-कैलिबर गोला-बारूद के लिए आवश्यक आवरण और सहायक उपकरण बनाने के लिए 200 करोड़ का निवेश करने की योजना बना रही है।

एसएमपीपी प्राइवेट लिमिटेड टैंक और तोप के गोला-बारूद के उत्पादन के लिए ₹200 करोड़ का निवेश करेगी, और त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने प्रोपल्शन गियरबॉक्स और सहायक पावर गैस टर्बाइन बनाने के लिए ₹200 करोड़ का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। एक्सपो मशीन टूल्स प्राइवेट लिमिटेड ने कार्बन कंपोजिट, सिरेमिक मैट्रिक्स कंपोजिट और मिसाइलों और लड़ाकू विमानों के लिए घटकों के निर्माण के लिए ₹100 करोड़ के निवेश के साथ एक इकाई स्थापित करने के लिए भूमि सुरक्षित कर ली है, जो डीआरडीओ और एआरसी जैसे प्रमुख ग्राहकों को सेवा देगी। जय साईं अनु ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड, प्रिसिशन कम्पोनेंट निर्माण इकाई में ₹100 करोड़ का निवेश करेगी।

महत्वपूर्ण प्रस्तावों वाली अन्य कंपनियों में त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड शामिल है, जो प्रोपल्शन गियरबॉक्स और सहायक पावर गैस टर्बाइन के उत्पादन में 200 करोड़ का निवेश करने की योजना बना रही है। होराइजन एयरोस्पेस (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, जिसने फाइटर एयरक्राफ्ट सस्टेनमेंट सेंटर और सबसिस्टम निर्माण के लिए 150 करोड़ का निवेश करने का प्रस्ताव दिया है, व सक्सेना मरीन टेक प्राइवेट लिमिटेड, जो युद्धपोत और वाहन अनुशासन परियोजनाओं के लिए 150 करोड़ का निवेश करेगी। सिंडिकेट इनोवेशन इंटरनेशनल लिमिटेड ने भी छोटे हथियारों और गोला-बारूद के निर्माण के लिए ₹150 करोड़ का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। जबकि स्पाइसजेट प्राइवेट लिमिटेड ने ₹125 करोड़ के निवेश के साथ एक रक्षा रखरखाव, मरम्मत और संचालन (एमआरओ) इकाई स्थापित करने की योजना बनाई है।

इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा, “ अलीगढ़ उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्र है। यह उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (यूपीडीआईसी) में एक प्रमुख नोड के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो क्षेत्र के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देता है और रक्षा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करता है। तीन हजार 421 करोड़ के निवेश प्रस्ताव और कई प्रमुख कंपनियों के परिचालन के साथ, अलीगढ़ नोड की सफलता, क्षेत्र की अपार क्षमता को प्रदर्शित करती है। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और अनुकूल व्यावसायिक माहौल ने इस सफलता को और मजबूत बनाया है, जो रक्षा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के उभरते नेतृत्व का प्रमाण है।

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