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एम्स रायबरेली ने सड़क हादसे के शिकार युवक को पेसमेकर लगाया

रायबरेली, उत्तर प्रदेश के रायबरेली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों ने बिना कैथ लैब भेजे सड़क दुर्घटना के शिकार मरीज को आकस्मिक चिकित्सा देते हुए पेसमेकर लगा कर जीवन रक्षा की उपलब्धि का अनूठा कारनामा किया है।

एम्स के प्रवक्ता डॉ सुयश ने मंगलवार को बताया कि सड़क दुर्घटना के शिकार एक युवा स्वस्थ पुरुष को सफलतापूर्वक बचाया गया, जिसे अचेतन होने के बाद द्वारा कार्डियोजेनिक शॉक के साथ पूर्ण हृदय ब्लॉक के कारण ट्रॉमा सेंटर में पहुँचाया गया था।

उन्होंने बताया कि दुर्घटना का शिकार व्यक्ति अचानक अचेतन हो गया जिसके कारण वह दो पहिया वाहन चलाते समय वह एक खड़ी हुई चार पहिया वाहन से टकरा गया। दुर्घटना के शिकार व्यक्ति का दरअसल दिल खून को मष्तिष्क तक नही पहुंचा पा रहा था लेकिन प्रथम दृष्टया यह लग रहा था कि व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हुआ है। इस सम्बंध में डॉ जैनब ने बताया कि बिना कैथ लैब भेजे पीड़ित व्यक्ति को फ्लोरोस्कोपिक मार्गदर्शन के बिना बेडसाइड टीपीआई (अस्थायी पेसमेकर सम्मिलन) किया गया। जिसके साथ ही करंट के साथ एक स्थिर पेस स्थापित की गई और इस प्रक्रिया के बाद कार्डियोजेनिक शॉक से मरीज पूरी तरह से ठीक हो गया।

डॉ जैनब ने कहा कि अमूमन ऐसे मामलो में कई अन्य तकनीकों व प्रक्रिया का इस्तेमाल कर निष्कर्ष तक पहुंचा जाता है और फिर उपचार किया जाता है लेकिन इस तरह से गंभीर मामलों में पीड़ित व्यक्ति की जान को भी काफी खतरा होने की संभावना होती है, लेकिन इस मसले में बिना समय गवाएं सही निर्णय लेते हुए पीड़ित को अस्थायी पेस मेकर आदि से उपचार कर उसके जीवन की रक्षा की गई है जो अपने आप मे सामान्य प्रक्रिया से अलग मामला है।

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