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उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास पर अब है ड्रोन की नजर

लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण विकास परियोजनाओं की गुणवत्ता की निगरानी और आकलन के लिए ड्रोन तकनीक को लागू किया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया।

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, ड्रोन अब गांवों में आवास निर्माण, पेयजल व्यवस्था, सिंचाई, सड़क निर्माण, खेल के मैदान और वृक्षारोपण परियोजनाओं सहित महत्वपूर्ण पहलों की निगरानी कर रहे हैं। इन कार्यों की प्रगति की पुष्टि करने के लिए जिला स्तर पर विशेष निगरानी दल गठित किए गए हैं, जिनमें मनरेगा योजना के तहत काम भी शामिल हैं, जिन्हें आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है।

इस अभिनव प्रयोग का उद्देश्य ग्रामीण विकास में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना है, साथ ही अधिकारियों को उनके प्रदर्शन के लिए जवाबदेह बनाना है। सरकार का मानना ​​है कि इस तरह से तकनीक का उपयोग करने से न केवल विकास परियोजनाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। मोदी सरकार के राष्ट्रीय विकास एजेंडे के अनुरूप, योगी प्रशासन शासन को बढ़ाने के लिए तकनीक पर जोर देता है।

ग्रामीण विकास योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए जिलेवार निरीक्षण के साथ ही ड्रोन निगरानी के माध्यम से मनरेगा कार्यों की निरंतर निगरानी की जा रही है। प्रगति का दस्तावेजीकरण करने और कार्य की गुणवत्ता की पुष्टि करने के लिए ड्रोन फुटेज का उपयोग किया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन योजनाओं का लाभ गुणवत्ता में किसी भी तरह की कमी के बिना इच्छित लाभार्थियों तक पहुंचे।

ग्रामीण विकास में गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण कर रही है। इन निरीक्षणों के बाद जिला अधिकारियों की जवाबदेही निर्धारित की जाएगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां परियोजनाएं निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करती हैं।

सरकार ने जिला अधिकारियों को इन निरीक्षणों की निगरानी करने वाली राज्य स्तरीय ड्रोन टीमों के साथ पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है। मुख्य विकास अधिकारियों (सीडीओ) को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी ड्रोन टीमों की प्रभावी रूप से सहायता करें। पहल के पैमाने के जवाब में, ड्रोन निगरानी के व्यापक कवरेज को सुनिश्चित करने, विकास परियोजनाओं की पारदर्शिता और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राज्य मुख्यालय पर तैनात टीमों की संख्या बढ़ा दी गई है।

इस पहल का पहला सफल परीक्षण बांदा जिले में किया गया था। मुख्यमंत्री की इस पहल से न केवल ग्रामीण विकास में पारदर्शिता आएगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। पारदर्शिता में सुधार और उच्च गुणवत्ता वाले काम को सुनिश्चित करके, कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

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