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इटावा में प्रधान और सचिव ने मिलकर किया 42 लाख का घोटाला

इटावा, उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की ताखा तहसील के मोहरी ग्राम पंचायत में प्रधान और सचिव ने मिलकर 42 लाख रुपए का घोटाला कर लिया है।

जिला पंचायत राज अधिकारी बनवारी सिंह ने बुधवार को बताया कि मोहनी ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान के मनमानी करने की शिकायत समाधान दिवस में की गई थी। डीएम के आदेश पर जांच की गई है, इसमें 42 लाख रुपये से अधिक की अनियमितिता पाई गई है। घोटाला की राशि की रिकवरी के लिए डीएम को रिपोर्ट भेज दी गई है।

उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान और सचिव से वसूली के लिए दोनों को नोटिस जारी कर दिया गया है। 21 सितंबर को ताखा तहसील में हुए तहसील दिवस में मोहरी गांव के शैलेंद्र अवस्थी ने शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि ग्राम प्रधान ने रंजिशयन इंटरलॉकिंग के दौरान गांव के आधे पानी को उनके खेत के पास नाली बनाकर छोड़ दिया था इससे उसके खेत में गंदा पानी भर जाता था। शिकायत पर डीएम एसडीएम ताखा डीपीआर और वीडियो ने जांच गांव में जाकर की।
जांच के दौरान यह बात पता चली है कि वर्ष 2020 और 2021 में जिला सहकारी संघ ऊसराहार में शौचालय का निर्माण कराया गया। यह ग्राम पंचायत की सीमा से बाहर है साथ ही इसके लिए दर्शी गई राशि और जांच में मिली स्थिति लगभग 20797 रुपए का अंतर मिला है। वित्तीय वर्ष 2022 2023 में उदय नारायण के घर से आशु के घर तक इंटरलॉकिंग का नाली का निर्माण कराया गया जांच में इस निर्माण में भी चौड़ाई कम मिली है।
जांच में लगभग 74000 ज्यादा खर्च दिखाने की बात सामने आई है इसी वित्तीय वर्ष में प्राथमिक विद्यालय में इंटरलॉकिंग निर्माण कर कराया गया है। इसमें भी लगभग एक लाख 11000 रुपए अधिक खर्च दिखाकर भुगतान करने की जानकारी सामने आई है।
थाना ऊसराहार में शौचालय का निर्माण कराया गया है इसमें भी लगभग 34000 से अधिक दर्शाकर भुगतान कराया गया है। 9 अप्रैल 2022 को लगभग सात हैंडपंपों के रिवर के लिए 1,88000 का भुगतान किया गया है। जांच में हैंडपंप रिपोर्ट व मरम्मत नहीं मिली है । जानकारी पर ग्राम प्रधान कोई भी वाउचर नहीं दिखा सके हैं।
इसी वित्तीय वर्ष नाला से पंचायत घर तक कराई गई इंटरलॉकिंग गांव में स्ट्रीट लाइट लगवाने साफ सफाई के नाम पर समेत कुल लगभग 11 लाख 85000 का भुगतान फर्जी तरह से कराया गया है।
इसी तरह वर्ष 2023-24 में हैंडपंप रिपोर्ट साफ सफाई और स्ट्रीट लाइट लगवाने के नाम पर फर्जी भुगतान की बात जांच में सामने आई है। जांच में कुल 42 लाख 22 हजार 772 रुपए के फर्जी वाले का मामला सामने आया है।
जिला पंचायत राज अधिकारी के ऑफिस की ओर से तत्कालीन सचिवों और प्रधानों को नोटिस जारी करके रिकवरी करने के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी गई है।

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