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टीबी के नये उपचार को मंजूरी

नयी दिल्ली, केंद्रीय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश में टीबी के उपचार के लिए एक नयी छोटी और अधिक प्रभावी पद्धति शुरू करने को मंजूरी दी।

मंत्रालय ने शुक्रवार को यहां बताया कि चार दवाओं के संयोजन – बेडाक्विलाइन, प्रीटोमैनिड, लाइनज़ोलिड और मोक्सीफ्लोक्सासिन से युक्त – बीपीएएलएम पद्धति सुरक्षित, अधिक प्रभावी और त्वरित उपचार विकल्प साबित हुई है।

वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले वर्ष 2025 तक देश को टीबी से मुक्त करने के दृष्टिकोण के तहत, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत मल्टी-ड्रग-रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस (एमडीआर-टीबी) के लिए एक नया उपचार – बीपीएएलएम पद्धति शुरू करने को मंजूरी दी है। इस उपचार पद्धति में एक नयी एंटी-टीबी दवा शामिल है जिसका नाम प्रीटोमैनिड है जिसे बेडाक्विलाइन और लाइनज़ोलिड (मोक्सीफ्लोक्सासिन के साथ या उसके बिना) के साथ मिलाया गया है। प्रीटोमैनिड को पहले भारत में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने उपयोग के लिए अनुमोदित और लाइसेंस दिया है।

मंत्रालय के अनुसार 75 हजार दवा प्रतिरोधी टीबी रोगी अब इस कम समय की उपचार पद्धति का लाभ उठा सकेंगे।

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