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फिल्मोत्सव-2024 में दिखेगा ऑस्ट्रेलिया की समृद्ध सिनेमा संस्कृति, परम्पराओं का विशेष उत्सव

पणजी, गोवा में आगामी 20 से 28 नवंबर तक आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के 55वें संस्करण में ऑस्ट्रेलिया का मुख्य आकर्षण आस्ट्रेलियायी सिनेमा की समृद्धि संस्कति और परम्परा पर केंद्रित विशेष प्रदर्शन होंगे।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि इफ्फी-2024 में ‘आस्ट्रेलिया फोकस कंट्री’ होगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस विशेष मान्यता का उद्देश्य वैश्विक फिल्म उद्योग में ऑस्ट्रेलियाई सिनेमा के योगदान का जश्न मनाना है, जिसमें इसकी समृद्ध कहानी कहने की परंपराओं, जीवंत फिल्म संस्कृति और अभिनव सिनेमाई तकनीकों पर प्रकाश डाला जायेगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया पहले से ही एक दृश्य-श्रव्य सामग्री (चल-चित्र एवं वीडियो आदि) के सह-निर्माण संधि में शामिल हैं।

भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में -आकर्षण के केंद्र देश खंड की एक प्रमुख विशेषता है कि इस खंड में देश की सर्वश्रेष्ठ समकालीन फिल्मों ही प्रदर्शित की जाती हैं। ऑस्ट्रेलिया की विविधतापूर्ण सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और वहां लब्धप्रतिष्ठ निर्माताओं ने सिनेमा जगत पर स्थायी प्रभाव डाला है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस बार के समारोह में आस्ट्रेलियायी सिनेमा का विशेष उत्सव भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई फिल्म उद्योगों के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाता है।

इफ्फी 2024 के लिये ऑस्ट्रेलिया की सात फिल्मों का चयन किया गया है। इनमें समीक्षकों द्वारा प्रशंसित नाटकों से लेकर शक्तिशाली वृत्तचित्रों, शानदार थ्रिलर और हल्की-फुल्की कॉमेडी तक की विविध विधायें शामिल हैं। ये फिल्में ऑस्ट्रेलिया की अनूठी सांस्कृतिक पहचान को प्रदर्शित करेंगी, जो इसके स्वदेशी और समकालीन समुदायों की कहानियों के जीवंत स्पेक्ट्रम को दर्शाती हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार इफ्फी-2024 में आस्ट्रेलिया की बड़ी भागीदारी रहेगी और वहां के फिल्म उद्योग के बड़ी संख्या में प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें ऑस्ट्रेलिया को फिल्मांकन गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने वाली एजेंसी ऑसफिल्म के एक मजबूत प्रतिनिधिमंडल की भी होगा।

इस दौरान ‘फिल्म बाजार’ नाम से फिल्म व्यवसाय को लेकर दक्षिण एशियायी क्षेत्र का सबसे बड़ा आयोजन किया जायेगा, जिसमें आस्ट्रेलिया के छह निर्माता भी शामिल होने जा रहे हैं।

इफ्फी 2024 में एक दिन विशेष शुरू से ऑस्ट्रेलियाई सह-निर्माण दिवस आयोजित किया जायेगा, जिसमें दोनों देशों के फिल्म निर्माताओं को घुल-मिल कर सह-निर्माण के अवसरों पर आपस में बात करने का मौका मिलेगा। फिल्म बाजार ने सह-निर्माण बाजार की आधिकारिक प्रविष्टियों में एक प्रविष्टि ऑस्ट्रेलिया की ‘होम बिफोर नाइट’ की परियोजना का भी चयन किया है।

भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई फिल्म उद्योगों के बीच बढ़ते सहयोग के अनुरूप, सूचनाओं के आदान प्रदान की श्रृंखला में एक विशेष पैनल-चर्चा भी होगी जो दोनों देशों के बीच सह-निर्माण के अवसरों पर केंद्रित होगी।

इस बार वहां का एक आकर्षण अकादमी पुरस्कार विजेता छायाकार जॉन सील के नेतृत्व में सिनेमैटोग्राफी मास्टर क्लास होगी, जो मैड मैक्स फ्यूरी रोड और द इंग्लिश पेशेंट जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों पर अपने काम के लिए जाने जाते हैं।

गोवा में हर साल अयोजित किया जाने वाला भारत का फिल्मोत्सव में विश्व सिनेमा का एक रोमांचक उत्सव है, जिसमें दुनिया भर की फिल्मों का एक उदार मिश्रण, उत्तेजक पैनल चर्चायें, आकर्षक कार्यशालायें और विशेष स्क्रीनिंग शामिल होती हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कहना है कि इस वर्ष ऑस्ट्रेलियायी सिनेमा पर विशेष ध्यान देने से निश्चित रूप से देशों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और देश की सीमाओं के पार जाकर प्रभाव छोड़ने वाली सिनेमा की कला को प्रोत्साहित करने के इफ्फी के मिशन को और बल मिलेगा।

वर्ष 1952 में स्थापित, भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव एशिया के सबसे महत्वपूर्ण फिल्म महोत्सवों में है। यह दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं को अपना काम पेश करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।

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