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देश के विभिन्न तीर्थों से आये पवित्र जल से रामलला की मूर्ति का किया गया स्नान

देश के विभिन्न तीर्थों से आये पवित्र जल से रामलला की मूर्ति का किया गया स्नान

अयोध्या,  भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान छठवें दिन रविवार को सुबह हुआ। इस दौरान 114 कलशों में औषधियुक्त जल एवं देश के विभिन्न तीर्थों से लाये गये पवित्र जल से श्रीरामलला की मूर्ति का स्नान सम्पन्न हुआ।

काशी से आये रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान करा रहे अरुण कुमार दीक्षित ने बताया कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान सुबह नौ बजे से शुरू हुआ। 114 कलशों में औषधि युक्त जल एवं देश के विविध तीर्थों से लाये गये पवित्र जल से श्रीरामलला की मूर्ति पर देश भर से यहां पधारे 121 प्रकांड विद्वानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्नान सम्पन्न कराया। उन्होंने बताया कि आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, अरुण कुमार दीक्षित, सुनील कुमार दीक्षित, अशोक वैदिक, राजेन्द्र वैदिक के अलावा देश के विभिन्न प्रांतों से जैसे महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के 121 पंडितों ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में 114 कलशों में औषधियुक्त जल एवं देश के विविध तीर्थों से लाये गये विविध तीर्थों से श्रीरामलला की मूर्ति पर स्नान मंत्रोच्चार द्वारा कराया गया।

उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा में नित्य पूजन के बाद हवन, पारायण प्रात: मध्याधिवास, 114 कलशों के विविध औषधियुक्त जल से मूर्ति स्नान, महापूजा, उत्सव का प्रसाद, परिक्रमा, शैलाधिवास, तत्वन्यास, महान्यासादि, सात्विक पौष्टिक, अघोर व्याहृति जागरण जैसे सम्पन्न हुए।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में नित्य के पूजन-हवन और परायण के साथ आज की पूजा प्रक्रिया प्रारम्भ हुई जो शाम तक जारी रहेगी। श्रीरामलला के विग्रह को आज मध्याधिवास में रखा गया है। आज ही रात जागरण अधिवास भी शुरू होगा। उन्होंने बताया कि श्रीरामलला के पुराने विग्रह की भी पूजा यज्ञशाला में चल रही है। चेन्नई, पुणे सहित कई स्थलों से मंगाये गये विविध फूलों से पूजन का अनुष्ठान सम्पन्न कराया जा रहा है।

ट्रस्ट के अनुसार आज की पूजा में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से डा. अनिल मिश्रा सपरिवार, विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डा. आर.एन. सिंह एवं अन्य लोग पूजा अनुष्ठान सम्पन्न करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की प्रक्रिया 16 जनवरी को दोपहर बाद सरयू नदी से प्रारम्भ हुई थी और 17 जनवरी को श्रीरामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में आगमन हुआ था और सोमवार दोपहर को अर्थात् 22 जनवरी को दोपहर को अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन सम्पन्न होगा।

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