Breaking NewsMain Slidesउत्तराखंड

गंगा में अवैध खनन के मामले में हाईकोर्ट ने गठित की दो सदस्यीय कमेटी

नैनीताल, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गंगा नदी में अवैध खनन के संबंध में न्याय मित्र अधिवक्ताओं की दो सदस्यीय टीम का गठन किया है। टीम मौके पर जाकर सच तलाशेगी। टीम 27 अप्रैल तक रिपोर्ट पेश करेगी।

मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी की अगुवाई वाली पीठ ने मातृ सदन संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दो सदस्यीय टीम का गठन किया है। इस मामले में चार अप्रैल को सुनवाई हुई लेकिन आदेश की प्रति मंगलवार को मिल पाई।

दरअसल कनखल स्थित मातृ सदन की ओर से एक जनहित याचिका के माध्यम से गंगा नदी में खनन के मामले को चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से एक पत्र देकर आरोप लगाया गया कि गंगा नदी में अवैध खनन हो रहा है। उसने प्रदेश सरकार को इस संबंध 27 मार्च, 2024 को एक पत्र सौंपा है।

दूसरी ओर सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि खनन पर निगरानी के लिये एक कमेटी का गठन किया गया है।
अंत में अदालत ने वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिये हाईकोर्ट के दो अधिवक्ताओं की एक कमेटी का गठन किया है। है। कमेटी मौके पर जाकर जांच करेगी और 27 अप्रैल तक अदालत को रिपोर्ट सौंपेगी। इस कमेटी में अधिवक्ता सारंग धूलिया और मयंक रंजन जोशी शामिल हैं।

सुनवाई के दौरान अदालत में इस दौरान राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के सलाहकार कुमार अजिताभ भी मौजूद रहे।
यहां बता दें कि वर्ष 2022 में मातृ सदन की ओर से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि रायवाला से भोगपुर तक गंगा नदी में नियमों को ताक पर रख कर अवैध खनन हो रहा है।

Related Articles

Back to top button