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उप्र सरकार ने बाढ़ प्रबंधन की तैयारियां की तेज की

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए पूरे राज्य में व्यापक तैयारियां की हैं। 24 अति संवेदनशील और 16 संवेदनशील क्षेत्रों में 612 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं।

अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इन चौकियों का उद्देश्य बाढ़ की स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना, जनहानि और संपत्ति के नुकसान को कम करना है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सहायता के लिए 40 में से 39 जिलों में खाद्यान्न की निविदा प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है।

हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ से बचाव के उपायों पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इन निर्देशों का पालन करते हुए अधिकारियों ने महज चार से पांच दिनों के भीतर ही मिशन मोड में तैयारियों को अंजाम दिया।

प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरु प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट रहने और तैयारियों को पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि इस निर्देश के क्रम में प्रदेश के अति संवेदनशील एवं संवेदनशील क्षेत्रों में 612 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इन क्षेत्रों में अतिरिक्त बाढ़ चौकियां भी स्थापित की जा रही हैं। इन बाढ़ चौकियों पर एनडीआरएफ की कुल 7 टीमें, एसडीआरएफ की 18 टीमें तथा पीएसी की 17 टीमें तैनात की गई हैं। इसके साथ ही आपदा मित्रों की भी तैनाती की गई है।

उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में नावों की पहचान कर नाविकों की तैनाती कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एक वर्ष में कुल 4700 राहत चौपालों का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों को बाढ़ के दौरान स्वयं एवं अपने मवेशियों की सुरक्षा के बारे में जानकारी दी गई। बाढ़ पूर्व तैयारियों के तहत एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं पीएसी द्वारा 25 जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है।

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए 10 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। उन्होंने बताया कि इस धनराशि से इन जिलों में विभिन्न आवश्यक खरीद पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित 40 जिलों में से 39 में खाद्यान्न पैकेट के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि गाजीपुर में खाद्यान्न पैकेट के लिए टेंडर प्रक्रिया एक-दो दिन में पूरी हो जाएगी।

श्री नवीन ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दो तरह के खाद्यान्न पैकेट वितरित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहले पैकेट में 2.5 किलो के दो पैकेट मुरमुरे, 2 किलो भुने चने, एक प्लास्टिक पैकेट में 1 किलो गुड़, 10 पैकेट बिस्किट, एक पैकेट माचिस और मोमबत्ती, 2 पीस नहाने का साबुन, 20 लीटर का जैरी कैन, 12 x 10 वर्ग फीट मोटाई का एक तिरपाल जिसका जीएसएम 110 से कम न हो, समेत अन्य सामान प्रत्येक परिवार को वितरित किया जाएगा। इसी प्रकार दूसरे पैकेट में प्रत्येक व्यक्ति के लिए 10 किलोग्राम गेहूं का आटा, 10 किलोग्राम चावल, 2 किलोग्राम अरहर की दाल, 10 किलोग्राम आलू, 200 ग्राम हल्दी, 100 ग्राम मिर्च पाउडर, 200 ग्राम सब्जी मसाला, 1 लीटर सरसों का तेल तथा 1 किलोग्राम नमक शामिल है।

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